गुरुवार, 17 मार्च 2016

जीरा





चुटकी भर ‘जीरा’ से होगा वजन कम, मात्र 15 दिनों के लिए करें ये प्रयोग
वजन कम करने के लिए
आज हम आपको रोज़ाना रसोई घर में इस्तेमाल होने वाले ऐसे ही एक खाद्य पदार्थ से गुणों से अवगत कराएंगे, जो है जीरा। वजन कम करने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते, घंटों तक व्यायाम करना, खान-पान कम कर देना और पसंदीदा चीज़ ही ना खा सकना।
जीरा
इसके बाद भी कोई बड़ा बदलाव नहीं हासिल होता उन्हें, लेकिन अब जीरा वजन कम करने में आपकी मदद करेगा। खाने के स्वाद को बढ़ाने वाला जीरा, खासतौर से दाल में डालने वाला जीरा हर किसी को पसंद है। कुछ लोग चावल पकाते समय भी जीरे का प्रयोग करते हैं, क्योंकि इसके खुशबू भी काफी अच्छी लगती है जो पकवान की सुगंध को बढ़ा देती है।
मसाला मात्र नहीं
लेकिन खाद्य पदार्थों के गुणों को बढ़ाने वाला मसाला मात्र नहीं है जीरा, इसके गुण तो अनेक हैं। इससे हमारे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं, जिसमें से विशेष है जीरा के प्रयोग से वजन कम करने की प्रक्रिया। एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि जीरा पाउडर के सेवन से शरीर मे वसा का अवशोषण कम होता है जिससे स्वाभाविक रूप से वजन कम करने में मदद मिलती है।
बीमारियों से भी बचाता है
वजन कम करने के साथ साथ यह बहुत सारी अन्य बीमारियों से भी बचाता है, जैसे कोलेस्ट्रॉल कम करता है, हार्ट अटैक से बचाता है, स्मरण शक्ति बढ़ाता है, खून की कमी को ठीक करता है, पाचन तंत्र ठीक कर गैस और ऐंठन ठीक करता है। तो यदि उपरोक्त बताई परेशानी किसी को है, तो रोज़ाना जीरा का प्रयोग भोजन पकाते समय अवश्य करें।
स्वास्थ्य को मिलने वाले लाभ
लेकिन जीरा के प्रयोग से स्वास्थ्य को मिलने वाले जिस खास लाभ की यहां हम बात करने जा रहे है, वह है वजन कम करना, और वह भी मात्र 15 दिनों में। जी हां.... जो काम बड़े से बड़ा प्रयोग करने में अक्षम है, वह जीरा का एक छोटा सा प्रयोग करके दिखाएगा। बस निर्देशानुसार आप इसका प्रयोग करें तो जरूर सफल होंगे।
पहला प्रयोग
दो बड़े चम्मच जीरा एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें। सुबह इसे उबाल लें और गर्म-गर्म चाय की तरह पियें। बचा हुआ जीरा भी चबा लें। इसके रोजाना सेवन से शरीर के किसी भी कोने से अनावश्यक चर्बी शरीर से बाहर निकल जाती है।
दूसरा प्रयोग
किंतु यदि आपको यह प्रयोग अधिक पसंद ना आए, तो जीरे को खाद्य पदार्थ में अच्छी मात्रा में प्रयोग करें और रोज़ाना इस्तेमाल करें। एक अन्य उपाय के अनुसार आप 5 ग्राम दही में एक चम्मच जीरा पाउडर मिलाकर यदि इसका रोज़ाना सेवन करें, तो वजन जरूर कम होगा।
तीसरा प्रयोग
3 ग्राम जीरा पाउडर को पानी में मिलाएं इसमें कुछ बूंदें शहद की डालें फिर इसे पी जाएं। वेजिटेबल यानि सब्जियों के उपयोग से सूप बनाएं, इसमें एक चम्मच जीरा डालें। या फिर ब्राउन राइस बनाएं इसमें जीर डालें यह सिर्फ इसका स्वाद ही नहीं बढ़ाएगा बल्कि आपका वजन भी कम करेगा।
चौथा प्रयोग
अदरक और नींबू दोनों जीरे की वजन कम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके लिए गाजर और थोड़ी सब्ज़ियों को उबाल लें इसमें अदरक को कद्दूकस यानि कि बिल्कुल बारीक कर लें, साथ ही ऊपर से जीरा और नींबू का रस डालें और इसे रात में खाएं।
15 दिनों के पश्चात कम होगा वजन
यदि प्रतिदिन आप बताए गए इन चार उपायों में से दो भी अपना लें, तो यकीनन आपका वजन 15 दिनों के पश्चात कम होता दिखाई देगा। विशेषज्ञों के अनुसार जीरे में मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीकडेंट चयापचय को बढ़ाता है, जिससे पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है। यह चर्बी ही तो मोटापे को दावत देती है, जो जीरे के प्रयोग से खत्म की जा सकती है।
अन्य फायदे
इसके अलावा जीरा खाने को पचाने में मदद करता है जिससे गैस कम बनती है। ऐंठन और पेट फूलना ख़राब पाचन की समस्या हैं। जीरा गैस को बनने से रोकता है जिससे पेट और आंतों में अच्छे से खाना पच जाता है।
हार्ट के मरीजों के लिए सही
हार्ट के मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद है यह जीरा, जीरा कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही फैट को शरीर में बनने से रोकता है। इसलिए यह वजन कम करने में मदद करता है साथ ही हार्ट अटैक से भी बचाता है।
अन्य फायदे भी
चलिए यह तो रही सेहत की बात, लेकिन जीरा सौंदर्य भी निखारेगा यह नहीं जानते होंगे आप। दरअसल जीरे में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी त्वचा पर पड़े विभिन्न दाग-धब्बों को हल्का करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा त्वचा का काला पड़ जाना या मुरझा जाना, आदि समस्याओं को हल भी जीरे के कुछ घरेलू नुस्खों से हासिल किया जा सकता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
जीरे में विटामिन ‘ई’ पाया जाता है, जो त्वचा के लिए काफी लाभदायक होता है। इसके अलावा जीरे में कुछ ऐसे तत्व भी मौजूद होते हैं जो त्वचा को संक्रमण रहित बनाते हैं। यदि किसी के चहरे पर कोई दाग-धब्बे, पिंपल या किसी प्रकार का कोई इंफेक्शन हो गया हो, तो थोड़ा-सा जीरा पीसकर किसी भी फेस पैक में मिलाकर लगा लें, जल्द से जल्द आराम मिलेगा।
जवान बनाता है
लेकिन जीरे के प्रयोग से मिलने वाला एक और फायदा आपको चौंका कर रख देगा। इसके प्रयोग से आप सौंदर्य को निखार सकते हैं, यह आपको जवान बना सकता है।
संक्रमणों को काटता है
जी हां.... जिस प्रकार से जीरे में मौजूद विटामिन ई तमाम तरह के त्वचा संबंधी संक्रमणों को काटता है, उसी प्रकार से यह उन चीज़ों से भी छुटकारा दिलाता है जो त्वचा में ढीलापन लाते हैं। क्योंकि त्वचा ढीले होने के बाद ही झुर्रियां बनती हैं, जो बुढ़ापे की निशानी होती हैं।
जीरे में विटामिन ई
जीरे में मौजूद विटामिन ई चेहरे की त्वचा में कसाव लाता है, उसका निखार बढ़ाता है और आपको हमेशा जवान दिखने में मदद करता है। इसके लिए आपको अधिक मेहनत करने की भी जरूरत नहीं है, हफ्ते में एक बार या दो हफ्ते के बाद जब भी आप फेस पैक लगाएं उसके चुटकी भर जीरे का पाउडर मिला लें।
नियमित मात्रा में ही डालें
ध्यान रहे, इसे नियमित मात्रा में ही डालें, क्योंकि इसके अधिक होने से प्रभाव उलटा भी हो सकता है। फेस पैक में जीरा मिलाकर लगाने से आपको यकीनन कुछ समय में ही आपको चेहरे की वो पहले वाली रंगत दिखनी आरंभ हो जाएगी।
खुजली से आराम
जिस प्रकार से जीरा त्वचा को निखारने का काम करता है, संक्रमण रहित बनाता है, उसी प्रकार से यह हमें खुजली जैसी परेशानी से भी राहत दिलाता है। यदि किसी को निरंतर खुजली रहने की शिकायत हो तो थोड़े से पानी में जीरा उबाल लें, बाद में उसे छानकर नहाने वाले पाने में मिलाकर नहा लें। यह प्रयोग जरूर आराम दिलाएगा...
बालों के लिए
अब अंत में बताते हैं जीरा आपके बालों के लिए कैसे फायदेमंद है। जीरा में अच्छी मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और बालों की ग्रोथ अच्छी करने वाला तैलीय तत्व पाया जाता है। अगर आपको बालों को लंबा एवं घना बनाने के लिए जीरा का प्रयोग करना है, तो इसके लिए आपको रसोई घर में इस्तेमाल होने वाला जीरा नहीं, बल्कि काला जीरा चाहिए होगा।
काला जीरा
जी हां... काला जीरा बालों को मजबूत एवं लंबा बनाने के लिए उपयोगी है। आप इसे विभिन्न प्रकार से प्रयोग में ला सकते हैं। आप बालों पर यदि ऑलिव ऑयल इस्तेमाल करते हैं तो उसमें काला जीरा मिलाकर लगा सकते हैं।
बालों के झड़ने की परेशानी
यदि किसी को बालों के झड़ने की परेशानी है तो, बाल धोने के बाद काला जीरा वाला तेल उस हिस्से पर सीधा लगाएं जहां बालों की संख्या निरंतर कम हो रही हो। ऐसा रोज़ाना करेंगे, तो जल्दी असर दिखाई देगा। इसके अलावा आप रोज़ाना काला जीरा का दवा की तरह सुबह-शाम सेवन भी कर सकते हैं।

बुधवार, 26 नवंबर 2014

ॐ के 11 शारीरिक लाभ


ॐ अर्थात् ओउम् तीन अक्षरों से बना है, जो सर्व विदित है । अ उ म् । "अ" का अर्थ है उत्पन्न होना, "उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास, "म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना। ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है। जानें, ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए मात्र ॐ के उच्चारण का मार्ग...
1, ॐ दूर करे तनावः अनेक बार ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
2. ॐ और घबराहटः अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
3. ॐ और तनावः यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
4. ॐ और खून का प्रवाहः यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
5. ॐ और पाचनः ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
6. ॐ लाए स्फूर्तिः इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
7. ॐ और थकान: थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
8. ॐ और नींदः नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चित नींद आएगी।
9. ॐ और फेफड़े: कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
10. ॐ और रीढ़ की हड्डी: ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

11. ॐ और थायरायडः ॐ के दूसरे अक्षर का उच्‍चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो कि थायरायड ग्रंथि पर प्रभाव डालता है।

मंगलवार, 23 सितंबर 2014

अनेक रोगों का कारण हैं रिफ़ाइन्ड तेल , कैसे ?




अनेक रोगों का कारण हैं रिफ़ाइन्ड तेल , कैसे ? 

आओ समझें: ये रिफ़ाइन्ड तेल बनता कैसे हैं ? 

मैंने देखा है और आप भी कभी देख लें तो बात समझ जायेंगे | 
किसी भी तेल को रिफाइन करने में 6 से 7 केमिकल का प्रयोग किया जाता है और डबल रिफाइन करने में ये संख्या 12 -13 हो जाती है | 
ये सब केमिकल मनुष्य के द्वारा बनाये हुए हैं प्रयोगशाला में, भगवान का बनाया हुआ एक भी केमिकल इस्तेमाल नहीं होता, भगवान का बनाया मतलब प्रकृति का दिया हुआ जिसे हम ओरगेनिक कहते हैं | 

तेल को साफ़ करने के लिए जितने केमिकल इस्तेमाल किये जाते हैं सब Inorganic हैं और Inorganic केमिकल ही दुनिया में जहर बनाते हैं और उनका combination जहर के तरफ ही ले जाता है | 

इसलिए रिफ़ाइन्ड तेल, डबल रिफ़ाइन्ड तेल गलती से भी न खाएं | 

फिर आप कहेंगे कि, क्या खाएं ? 

तो आप शुद्ध तेल खाइए, सरसों का, मूंगफली का, तीसी का, या नारियल का | 

अब आप कहेंगे कि शुद्ध तेल में बास बहुत आती है और दूसरा कि शुद्ध तेल बहुत चिपचिपा होता है | 

हमलोगों ने जब शुद्ध तेल पर काम किया या एक तरह से कहे कि रिसर्च किया तो हमें पता चला कि तेल का चिपचिपापन उसका सबसे महत्वपूर्ण घटक है | तेल में से जैसे ही चिपचिपापन निकाला जाता है तो पता चला कि ये तो तेल ही नहीं रहा, फिर हमने देखा कि तेल में जो बास आ रही है वो उसका प्रोटीन कंटेंट है, शुद्ध तेल में प्रोटीन बहुत है, दालों में ईश्वर का दिया हुआ प्रोटीन सबसे ज्यादा है, दालों के बाद जो सबसे ज्यादा प्रोटीन है वो तेलों में ही है, तो तेलों में जो बास आप पाते हैं वो उसका Organic content है प्रोटीन के लिए | 

4 -5 तरह के प्रोटीन हैं सभी तेलों में, आप जैसे ही तेल की बास निकालेंगे उसका प्रोटीन वाला घटक गायब हो जाता है और चिपचिपापन निकाल दिया तो उसका Fatty Acid गायब | 

अब ये दोनों ही चीजें निकल गयी तो वो तेल नहीं पानी है, जहर मिला हुआ पानी | 

और ऐसे रिफाइन तेल के खाने से कई प्रकार की बीमारियाँ होती हैं, घुटने दुखना, कमर दुखना, हड्डियों में दर्द, ये तो छोटी बीमारियाँ हैं, 

सबसे खतरनाक बीमारी है, हृदयघात (Heart Attack), पैरालिसिस, ब्रेन का डैमेज हो जाना, आदि, आदि | 

जिन-जिन घरों में पुरे मनोयोग से रिफ़ाइन्ड तेल खाया जाता है उन्ही घरों में ये समस्या आप पाएंगे, अभी तो मैंने देखा है कि जिनके यहाँ रिफाइन तेल इस्तेमाल हो रहा है उन्ही के यहाँ Heart Blockage और Heart Attack की समस्याएं हो रही है | 

जब हमने सफोला का तेल लेबोरेटरी में टेस्ट किया, सूरजमुखी का तेल, अलग-अलग ब्रांड का टेस्ट किया तो AIIMS के भी कई डोक्टरों की रूचि इसमें पैदा हुई तो उन्होंने भी इसपर काम किया और उन डोक्टरों ने जो कुछ भी बताया उसको मैं एक लाइन में बताता हूँ क्योंकि वो रिपोर्ट काफी मोटी है और सब का जिक्र करना मुश्किल है, 

उन्होंने कहा "तेल में से जैसे ही आप चिपचिपापन निकालेंगे, बास को निकालेंगे तो वो तेल ही नहीं रहता, तेल के सारे महत्वपूर्ण घटक निकल जाते हैं और डबल रिफ़ाइन्ड में कुछ भी नहीं रहता, वो छूँछ बच जाता है, और उसी को हम खा रहे हैं तो तेल के माध्यम से जो कुछ पौष्टिकता हमें मिलनी चाहिए वो मिल नहीं रहा है |

आप बोलेंगे कि तेल के माध्यम से हमें क्या मिल रहा ? 

मैं बता दूँ कि हमको शुद्ध तेल से मिलता है HDL (High Density Lipoprotein), ये तेलों से ही आता है हमारे शरीर में, वैसे तो ये लीवर में बनता है लेकिन शुद्ध तेल खाएं तब | 

तो आप शुद्ध तेल खाएं तो आपका HDL अच्छा रहेगा और जीवन भर ह्रदय रोगों की सम्भावना से आप दूर रहेंगे | अभी भारत के बाजार में सबसे ज्यादा विदेशी तेल बिक रहा है | 

मलेशिया नामक एक छोटा सा देश है हमारे पड़ोस में, वहां का एक तेल है जिसे पामोलिन तेल कहा जाता है, 
हम उसे पाम तेल के नाम से जानते हैं, वो अभी भारत के बाजार में सबसे ज्यादा बिक रहा है, एक-दो टन नहीं, लाखो-करोड़ों टन भारत आ रहा है और अन्य तेलों में मिलावट कर के भारत के बाजार में बेचा जा रहा है | 

7 -8 वर्ष पहले भारत में ऐसा कानून था कि पाम तेल किसी दुसरे तेल में मिला के नहीं बेचा जा सकता था लेकिन GATT समझौता और WTO के दबाव में अब कानून ऐसा है कि पाम तेल किसी भी तेल में मिला के बेचा जा सकता है | 

भारत के बाजार से आप किसी भी नाम का डब्बा बंद तेल ले आइये, रिफ़ाइन्ड  तेल और डबल रिफ़ाइन्ड तेल के नाम से जो भी तेल बाजार में मिल रहा है वो पामोलिन तेल है | 

और जो पाम तेल खायेगा, ऐसी सम्भावना है कि वो ह्रदय सम्बन्धी बिमारियों से मरेगा | क्योंकि पाम तेल के बारे में सारी दुनिया के रिसर्च बताते हैं कि पाम तेल में सबसे ज्यादा ट्रांस-फैट है और ट्रांस-फैट वो फैट हैं जो शरीर में कभी dissolve नहीं होते हैं, किसी भी तापमान पर dissolve नहीं होते और ट्रांस फैट जब शरीर में dissolve नहीं होता है तो वो बढ़ता जाता है और तभी हृदयघात होता है, ब्रेन हैमरेज होता है और आदमी पैरालिसिस का शिकार होता है, डाईबिटिज होता है, ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है |

शनिवार, 13 सितंबर 2014

छुहारा और खजूर के फायदे

छुहारा और खजूर के फायदे ::
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- छुहारा यानी सूखा हुआ खजूर आमाशय को बल प्रदान करता है।
- छुहारे की तासीर गर्म होने से ठंड के दिनों में इसका सेवन नाड़ी के दर्द में भी आराम देता है।
- छुहारा खुश्क फलों में गिना जाता है, जिसके प्रयोग से शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है।
- छुहारे व खजूर दिल को शक्ति प्रदान करते हैं। यह शरीर में रक्त वृद्धि करते हैं।
- साइटिका रोग से पीड़ित लोगों को इससे विशेष लाभ होता है।
- खजूर के सेवन से दमे के रोगियों के फेफड़ों से बलगम आसानी से निकल जाता है।
-लकवा और सीने के दर्द की शिकायत को दूर करने में भी खजूर सहायता करता है।
-भूख बढ़ाने के लिए छुहारे का गूदा निकाल कर दूध में पकाएं। उसे थोड़ी देर पकने के बाद ठंडा करके पीस लें। यह दूध बहुत पौष्टिक होता है। इससे भूख बढ़ती है और खाना भी पच जाता है।
-प्रदर रोग स्त्रियों की बड़ी बीमारी है। छुआरे की गुठलियों को कूट कर घी में तल कर, गोपी चन्दन के साथ खाने से प्रदर रोग दूर हो जाता है।
-छुहारे को पानी में भिगो दें। गल जाने पर इन्हें हाथ से मसल दें। इस पानी का कुछ दिन प्रयोग करें, शारीरिक जलन दूर होगी।
-अगर आप पतले हैं और थोड़ा मोटा होना चाहते हैं तो छुहारा आपके लिए वरदान साबित हो सकता है, लेकिन अगर मोटे हैं तो इसका सेवन सावधानीपूर्वक करें।
-जुकाम से परेशान रहते हैं तो एक गिलास दूध में पांच दाने खजूर डालें। पांच दाने काली मिर्च, एक दाना इलायची और उसे अच्छी तरह उबाल कर उसमें एक चम्मच घी डाल कर रात में पी लें। सर्दी-जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाएगा।
-दमा की शिकायत है तो दो-दो छुहारे सुबह-शाम चबा-चबा कर खाएं। इससे कफ व सर्दी से मुक्ति मिलती है।
-घाव है तो छुहारे की गुठली को पानी के साथ पत्थर पर घिस कर उसका लेप घाव पर लगाएं,घाव तुरंत भर जाएगा।

-अगर शीघ्रपतन की समस्या से परेशान हैं तो तीन महीने तक छुहारे का सेवन आपको समस्या से मुक्ति दिला देगा। इसके लिए प्रात: खाली पेट दो छुहारे टोपी समेत दो सप्ताह तक खूब चबा-चबाकर खाएं। तीसरे सप्ताह में तीन छुहारे खाएं और चौथे सप्ताह से 12वें सप्ताह तक चार-चार छुहारों का रोज सेवन करें। इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी |

रविवार, 24 अगस्त 2014

दमा (श्वास रोग ) Asthma


आज के समय में दमा तेज़ी से स्त्री - पुरुष व बच्चों को अपना शिकार बना रहा है | साँस लेने में दिक्कत या कठिनाई महसूस होने को श्वास रोग कहते हैं | फेफड़ों की नलियों की छोटी-छोटी पेशियों में जब अकड़न युक्त संकुचन उत्पन्न होता है तो फेफड़ा, साँस को पूरी तरह अंदर अवशोषित नहीं कर पाता है जिससे रोगी पूरा श्वास खींचे बिना ही श्वास छोड़ने को विवश हो जाता है | इसी स्थिति को दमा या श्वास रोग कहते हैं | 
दमा को पूर्ण रूप से ठीक करने हेतु प्राणायाम का अभ्यास सर्वोत्तम है |
विभिन्न औषधियों से दमे का उपचार :----
१- अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से श्वास , खांसी व जुक़ाम में लाभ होता है ।
२- प्याज़ का रस , अदरक का रस , तुलसी के पत्तों का रस व शहद ३-३ ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह-शाम सेवन करने से अस्थमा रोग नष्ट होता है |
३- काली मिर्च - २० ग्राम , बादाम की गिरी - १०० ग्राम और खाण्ड - ५० ग्राम लें | तीनों को अलग - अलग बारीक़ पीस कर चूर्ण बना लें , फिर तीनों को अच्छी तरह से मिला लें | इस मिश्रण की एक चम्मच लें और रात को सोते समय गर्म दूध से लें , लाभ होगा |
विशेष :-- जिनको मधुमेह हो वे खाण्ड का प्रयोग न करें तथा जिनको अम्लपित्त [acidity ] हो वे काली मिर्च १० ग्राम की मात्र में प्रयोग करें |

रविवार, 17 अगस्त 2014

चीकू



चीकू मूलतः दक्षिण अमेरिका में एवं अन्य उष्णकटिबंधीय भागों में प्राप्त होता है तथा भारत में भी इसकी खेती की जाती है | यह वृक्ष समुद्र के किनारों के प्रदेशों में विशेषतया उत्पन्न होते हैं | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल वर्ष में अत्यधिक समय तक होता है | इसके फल में शर्करा,पेक्टिन,थ्रिओनिन तथा विटामिन C पाया जाता है |
चीकू के औषधीय प्रयोग -
१- पके चीकू के फलों के सेवन से दस्तों में लाभ होता है |
२- कच्चे फलों को पीसकर फोड़ों पर लगाने से फोड़े पककर फूट जाते हैं तथा पस बाहर निकल जाती है |
३-चीकू के १-२ फलों का नियमित सेवन करने से शरीर पुष्ट होता है तथा दुर्बलता दूर होती है |
४-चीकू के फल पित्तशामक होते हैं,अतः इसका सेवन करने से पित्तज विकारों तथा पित्तज्वर का शमन होता है |
५- इसके फल को कूट कर गर्म कर सूजन युक्त स्थान पर लगाने से सूजन दूर हो जाती है |