ॐ अर्थात् ओउम् तीन अक्षरों से बना है, जो सर्व विदित
है । अ उ म् । "अ" का अर्थ है उत्पन्न होना, "उ" का
तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास, "म" का मतलब है मौन हो जाना
अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना। ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और
पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है। जानें, ॐ कैसे है
स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए मात्र ॐ के उच्चारण का मार्ग...
1, ॐ दूर करे तनावः अनेक बार ॐ का
उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
2. ॐ और घबराहटः अगर आपको घबराहट या
अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
3. ॐ और तनावः यह शरीर के विषैले
तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
4. ॐ और खून का प्रवाहः यह हृदय और
ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
5. ॐ और पाचनः ॐ के उच्चारण से पाचन
शक्ति तेज़ होती है।
6. ॐ लाए स्फूर्तिः इससे शरीर में
फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
7. ॐ और थकान: थकान से बचाने के लिए
इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
8. ॐ और नींदः नींद न आने की समस्या
इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको
करने से निश्चित नींद आएगी।
9. ॐ और फेफड़े: कुछ विशेष प्राणायाम
के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
10. ॐ और रीढ़ की हड्डी: ॐ के पहले
शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित
होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
11. ॐ और थायरायडः
ॐ के दूसरे अक्षर का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो कि थायरायड
ग्रंथि पर प्रभाव डालता है।
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