भारतीय चिकित्सा विग्यान जैसा कि सभी मानते और जानते हैं कि एक पूर्ण चिकित्सा विग्यान है, जो सभी रोगों को पूर्ण आरोग्य अथवा आन्शिक आरोग्य लाभ अथवा अरोग्य लाभ प्रदान करने की क्षमता प्रदान करता है / मधुमेह यानी Diabeties रोग को सबसे पहले आयुर्वेद ने ही पहचाना है , वह भी हजारों साल पहले / इसका जिक्र Text Book of Medicine by McDormat तथा Harrison’s Internal Medicine के relevent chapters मे उपस्तिथि है /
MacDormat की टेक्स्ट बुक आफ मेडिसिन में लिखा है कि भारतीय चिकित्सक चरक और सुश्रुत को मधुमेह के बारे में ग्यान था और उन्होने मोटापे का एक कारण इस बीमारी को माना है /
तो फिर यह तय हुआ कि आयुर्वेद को मधुमेह बीमारी के बारे में पूरा ग्यान था और भारतीय चिकित्सक इस बीमारी का इलाज करना जानते थे / यह सही भी है / आज भी समयानुकूल चिकित्सा करके मधुमेह के रोगियों को आरोग्य, आयुर्वेद के चिकित्सक, आम जन को मुहैया करा रहे है /
Diabeties के लिये आयुर्वेद की एक दवा का जिक्र यहां कर रहा हूं / इस दवा के सेवन से डायबेटीज अवश्य ठीक होती है /
हेमनाथ रस Hemnath Ras
इस औषधि का निर्माण आयुर्वेद की उत्कृष्ट भस्मों और दृव्यों को मिलाकर किया गया है / इसे बनाने का तरीका और योग मिश्रण इस प्रकार है / शोधित पारा, शोधित गन्धक, सोना भस्म, सोनामक्खी भस्म , यह सभी १२ ग्राम / लोहा भस्म, प्रवाल भस्म, कपूर,वन्ग भस्म यह सभी ६ ग्राम / सभी द्रव्यों को खरल में डाल दें / अच्छी तरह घोंटें / अब इसको पोस्त के डोडे के काढा से सात बार भिगो कर सुखा लें यानी एक बार भिगोया और सुखाया फिर दूसरी बार भिगोया और सुखाया / ऐसा ही क्रिया सात सात बार भिगोने और सुखाने का काम केले के फूल का रस और गूलर के फल के रस के साथ भी करें / यह दवा डायबिटीज के इलाज के लिये तैयार है /
इस औषधि का निर्माण आयुर्वेद की उत्कृष्ट भस्मों और दृव्यों को मिलाकर किया गया है / इसे बनाने का तरीका और योग मिश्रण इस प्रकार है / शोधित पारा, शोधित गन्धक, सोना भस्म, सोनामक्खी भस्म , यह सभी १२ ग्राम / लोहा भस्म, प्रवाल भस्म, कपूर,वन्ग भस्म यह सभी ६ ग्राम / सभी द्रव्यों को खरल में डाल दें / अच्छी तरह घोंटें / अब इसको पोस्त के डोडे के काढा से सात बार भिगो कर सुखा लें यानी एक बार भिगोया और सुखाया फिर दूसरी बार भिगोया और सुखाया / ऐसा ही क्रिया सात सात बार भिगोने और सुखाने का काम केले के फूल का रस और गूलर के फल के रस के साथ भी करें / यह दवा डायबिटीज के इलाज के लिये तैयार है /
इसे गिलोय के रस के साथ १२५ मिलीग्राम की मात्रा में देने से चाहे जसी डायबिटीज हो अवश्य ठीक होती है / इसे किसी भी मधुमेह नाशक चूर्ण अथवा काढा के साथ भी दे सकते है /
इस दवा को सुबह देना चाहिये , एक ही खुराक काफी है / यदि अधिक तकलीफ हो तो शाम को भी एक खुराक दे सकते है /
डायबिटीज ठीक हो जाती है यदि जीवन शैली, खानपान में परहेज और आयुर्वेदिक दवायें सही सही ली जायें / डायबिटीज कम की जा सकती है, यदि स्वास्थय के प्रति जागरुकता बनाये रखी जाये /
लापरवाही करने से मधुमेह की बीमारी बहुत तेजी से बढती है, इसलिये हमेशा और बार बार इसका परीक्षण करते रहना चाहिये और monitor करते रहना चाहिये कि रक्त में यह सामान्य है अथवा नहीं / इलाज के लिये कोई भी दवा किसी भी चिकित्सा पैथी को यदि ले रहे हों तो उसे एकदम न छोड़िये, अगर छोड़ना ही है तो चिकित्सक की सलाह के बगैर न छोड़ें / दवायें धीरे धीरे छोड़े / पर जब तक ठीक न हो कोई न कोई दवा लेते रहें / बीच बीच में यानी हर १५ दिन में रक्त शर्करा की जान्च कराते रहे